Friday, December 3, 2010

वृद्धा की ११ एकड़ जमीन हड़पने की परिवार वालो ने रची साजिश ,४ गिरफ्तार ,३ बिल्डर फरार

वृद्धा की ११ एकड़ जमीन हड़पने की परिवार वालो ने रची  साजिश ,४ गिरफ्तार ,३ बिल्डर फरार
पवन ओझा
मुंबई के मलाड पश्चिम के मालवणी इलाके में एक ८० वर्षीया वृद्धा महिला की ११ एकड़ जमीन हडपने की साजिश का पर्दा फाश  हुआ है .इस मामले में मालवणी पुलिस थाने ने ४ लोगो को गिरफ्तार किया है .जबकि गुरुकृपा बिल्डर सहित ३ बिल्डर फरार है .झिलुबाई कोली -८० के पीटा दामोदर शिनवार कोली को १९५२ में मालवणी गाँव के सर्वे क्रमांक ४४ ,नगर भू क्रमांक ५०७ पर ११ एकड़ व दो गुंठा जमीन ९९ वर्ष की लीज पर सरकार ने दी थी .दामोदर कोली का निधन १९६४ में हो गया .दामोदर की ४ संताने झिलुबाई ,जगन्नाथ ,गोपीबाई व बलिराम है .इनमे से जगन्नाथ गोपीबाई और बलिराम का निधन हो गया .झिलुबाई के भाई जगन्नाथ का विवाह भानुबाई से हुआ था .जगन्नाथ की बाटी सुभांगी है .जिसकी शादी हो चुकी है .झिलुबाई के पिता की मौत के बाद जमीन पर झिलुबाई और उसके परिवार वालो का कब्ज़ा है .६० वर्षो से झिलुबाई के परिवार वाले इस जगह पर खेती कर रहे है .२००७ में भानुबाई की बेटी ने सुभांगी के पति जनक शाह ने गुरुकृपा डेबलपर के मनसुख भाई ,चेतन मनसुख भाई कोठारी ,व चेतन पटेल को लेकर जमीन खरीदने का प्रस्ताव झिलुबाई के समक्ष रखा २७ अप्रैल २००७ को झिलुबाई की गरीबी ,अज्ञानता व अशिक्षा का फ़ायदा उठाकर सादे कागज पर पर उसके अंगूठे का निशान ले लिया .इन सभी ने उपरोक्त जमीन को विवादित करने के लिए आवश्यक सरकारी अनुमति प्राप्त करने के लिए जिमेदारी भी ले ली .झिलुबाई ने अपने भाभी के दामाद जनक शाह पर विश्वास किया .तभी झिलुबाई को को ध्यान में आया की कोरा कागज पर अंगूठा लगवाकर गुरुकृपा के भागेदार मनसुखभाई ,चेतन कोठारी ,चेतन पटेल वत्सला बाई ,भानुबाई कोली सुभांगी जनक शाह ने साजिश के तहत जमीन के झूटे कागज पत्र बनवाकर झिलुबाई का नाम ही निकलवा दिया है .इस तरह इस सौदे के तहत मिलने वाला मुआवजा व भागेदारी भी हड़प ली गई है .झिलू बाई ने इस बारे में मालवणी पुलिस थाने में धोखा  धडी करने की शिकायत दर्ज करवाई .पुलिस ने मामला दर्ज करलिया है और झिलुबाई की भाभिओ वत्सला कोली ,भानुबाई कोली ,भतीजी शुभांगी शाह व दामाद जनक शाह को गिरफ्तार का लिया जबकि बिल्डर मनसुख भाई ,चेतन कोठारी और चेतन पटेल फरार है पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही है .

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