Thursday, October 13, 2011

मुंबई के होटल और बियर बारो में काम करने वाले लोग फर्जी नाम और पता से रह रहे है






मुंबई के होटल और बियर बारो में काम करने वाले लोग फर्जी नाम और पता से रह रहे है
हाल ही हत्या और बीमारी से मारने वाले वेटर  के मामले से घटना हुई उजागर
पवन ओझा
मुंबई के कई होटलों में आज भी कई वेटर ,कुक और वहा पर काम करने वाले लड़के अपना फर्जी नाम बताकर होटल में काम कर रहे है .यह घटना हाल में हुई एक हत्या और एक होटल में काम करने वाले लड़के की बीमारी  की मौत के बाद उजागर हुआ है .मुंबई के यदि होटलों में देखा जाये तो आज भी कई बंगलादेशी लड़के और नेपाली लड़के काम कर रहे है .मुंबई में आज भी कई मामले ऐसे है जहा पर होटल में काम करने वाले लोग किसी भी संघिन घटना को अंजाम देकर फरार हो गए और अभी तक पुलिस उन्हें पकडे ने कामियाब नहीं हो पाई है .हाल में ही मुंबई के घाटकोपर पूर्व स्थित उडिपी श्री कृष्ण होटल में काम करने वाले एक कुक  जिसका नाम परमेश गुड्डू गुप्ता -२८ उसने उसी होटल में काम करने वाले मैनेजर आनंद नारायण पुजारी -३२ की गला काटकर हत्या कर दिया था और घटना की जगह से फरार हो गया था .कुक इतना शातिर अप्रधि निकला की जब पुलिस ने हत्या की घटना के बारे में तहकीकात की तो उन्हें पता चला था की परमेश फर्जी नाम से होटल में काम करता था और जो पता उसने अपने गाँव का दिया था वह भी पूरी तरह से फर्जी निकाला था .होटल में परमेश ने जो अपने बारे में जानकारी लिखी थी उसमे उसने अपने गाँव का पता उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला के थाना बलरामपुर गाँव का नाम अनिल पूरा बताया गया था लेकिन जब पुलिस वहा पर पहुची तो उन्हें पता चला की गोंडा जिला और उसके अगल बगल के दो और जिलो में कही पर भी अनिल पूरा नाम का कोई गाँव नहीं है .साथ ही साथ पुलिस को होटल से परमेश का पैन कार्ड और एक ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया था तब पुलिस ने आर टी ओं और पैन कार्ड कंपनी में जब पता लगाया तो पुलिस को पता चला की जो ड्राइविंग लाइसेंस परमेश का था वह पूरी तरह से फर्जी था .इसके बाद जब पुलिस ने परमेश के बैंक अकाउंट को चेक किया तो पुलिस को पता चला की परमेश का बैंक आफ इंडिया में दो अकाउंट थे और हत्या की वारदात को अंजाम देने के तीन दिन बाद परमेश ने विक्रोली रेलवे स्टेशन के पास स्थित ए टी एम से २०० रुपये  का ट्रांसफर किया था जब पुलिस ने परमेश के बारे में जानकारी निकाली तो उन्हें पता चला की जो
अकाउंट परमेश ने खोला है वह पूरी तरह से फर्जी था और परमेश ने अपने अकाउंट में जो आदमी का नामांकित दिखाया था वह उसके भाई दिखया गया था और उसका पता थाने का बताया गया था लेकिन जब पुलिस बताये हुए पते पर पहुची तो पुलिस को पता चला की वह भी नाम और पता पूरी तरह से फर्जी था .ऐसी ही एक घटना इससे पहले उसी होटल में हुई थी जहा पर एक वेटर बीमारी से जूझ रहा था और अचानक उसकी मौत हो गयी थी वेटर ने अपना नाम कृष्ण बताया था लेकिन जब उसकी मौत हुई और जब कृष्ण के बारे में पुलिस ने अधिक जानकारी जुटी तो उन्हें पता चला था की वह हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम था .जिससे साफ पता चलाता है की आज मुंबई के कई होटलों और बियर बारो में वहा पर काम करने वाले वेटर ,इस्टीवार्ड अपना फर्जी नाम और फर्जी कागजपत्र बनाकर मुंबई के होटल और बियर बारो में काम कर रहे है .फर्जी नाम और कागजपत्र का इस्तमाल यह लोग इसलिए करते है की यदि कभी कोई घटना हुई या कभी उन्होंने कोई हत्या जैसे संघिन मामले को अंजाम दिया तो पुलिस उन्हें पकड नहीं पाए .पिछले ही साल पंतनगर के ९० फीट रोड स्थित वाईन यार्ड होटल  में काम करने वाले नितीश  अगरवाल नाम के केसियर ने होटल  से एक लाख ४० हजार रुपये नकदी और २ मोबाइल फ़ोन लेकर फरार हो गया था इस घटना की शिकायत भी पुलिस थाने में की गयी लेकिन पुलिस की तहकीकात में वहा पर भी फर्जी नाम के चलते मामले की तहकीकात में पंतनगर पुलिस को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा और आज भी वह मामला अनसुलझा है .पंतनगर पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक केशव एम कसार ने बताया की आज भाले ही होटल और बियर बार वाले जो लोग उनके पास काम करते है उनका बायो डेटा भी बनाकर लेते है लेकिन जो जानकारी काम करने वाले लोग होटल मालिक या मैनेजर को देते है वह भी फर्जी निकल रहे है .और जिसके चलते कई बार वहा पर काम करने वाले लोग और अपनी घटना को अंजाम दे देते है .आज हर एक होटल वाले और बार मालिको को जरुरत है की जब भी वे किसी भी आदमी को अपने  होटल में काम पर रखते है वे उनकी पहले पूरी तरह से तहकीकात करे और फिर काम पर रखे .