Thursday, October 21, 2010

इंसान तो इंसान मंदिरों में भी फल फूल रहा है प्रांतवाद का जहर .....

इंसान तो इंसान मंदिरों में भी फल फूल रहा है प्रांतवाद का जहर .................पवन ओझा मुंबई
मुंबई के प्रख्यात सिद्धि विनायक मंदिर ट्रस्ट में पर प्रांतीयता का जहर घुल गया है .इस मंदिर ने अप्रत्याशित रूप से परप्रांतीय जरुरत मंद गरीब को मदत देने से इंकार करने की घटना सामने आई है .जानकारी के मुताबिक उत्तर भारतीय गुलाब विश्वकर्मा का एकलौता पुत्र हृदय रोग से पीड़ित था .उसे बेटे के इलाज के लिए भारी भरकम रकम की जरुरत है .इस खर्च के लिया गुलाब ने सिद्धि विनायक मंदिर ट्रस्ट के पास आवेदन किया .नियम अनुसार डॉक्टर द्वारा बताई गई खर्च की  जानकारी भी आवेदन के साथ संलग्न की गई थी .लेकिन कई दिनों के बाद भी ट्रस्ट के पदाधिकारियो ने कहा की हम केवल मराठी भाषी वो को ही मदत करते है .पर प्रन्तियो की सहायत नहीं करते है .विश्वकर्मा ने कहा की मंदिर में पर प्रन्तियो का भेद भाव नहीं लाना चाहिए और पर प्रन्तियो को इस मंदिर का बहिष्कार करना चाहिए .

मुंबई कर प्रति माह भिखारिओ को देते है १५ करोड़ रुपये ..........

मुंबई कर प्रति माह भिखारिओ को देते है १५ करोड़ रुपये ....................पवन ओझा मुंबई
शहर में १० हजार भिखारी है लेकिन इनके खिलाफ पुलिस कोई करवाई नहीं कर पति है .दीवाली ,गणेश उत्सव ,की दिनों में भिखारिओ से लोगो की परेशानी बढ़ जाती है .कारण की हर एक नाके ,रस्ते, शापिंग मालो के पास भिखारी बढ़ जाते है .एक पुलिस अधिकारी की माने तो अगर किसी भिखारी को एक रूपया मिलता है तो उसमे का एक हिस्सा उसका बास लेता है .इस तरह एक अनुमान के अनुसार भिखारिओ के प्रति माह मुंबई कर १५ करोड़ रुपये चुकाते है .शहर १० हजार भिखारी है और ए रोजाना ५०० रुपये कमाते है .एक पुलिस अधिकारी के अनुसार २००९ में बने भिखारी यो के लिए बने दस्ते को निष्क्रिय कर दिया गया था .और इसी कारण के चलते भिखारिओ की संख्या में वृधि हो रही है .भिखारिओ के खिलाफ इस दस्ते में १० पुलिस अधिकारी और कर्मचारी थे .भिखारिओ को पकड़ कर कुर्ला न्यायालय में लेजाया जाता था और वहा से उन्हें पुनवर्सन केंद्र में भेज दिया जाता था .कहा तो यह भी जाता है की मलवानी में आफताब ,सलीम और अहमद नामक ऐसे लोग है जो जो भिखारिओ को भीख मांगने का तरीका शिखते है .और कई भिखारी इन्हें अपना गुरु समझकर तरीका सीखते है .इसी तरह धारावी के एक स्कुल में भीख मांगने की शिक्षा दी जाती है .इन भिखारिओ को गर्मी और बरसात के दिनों में धीरज रखकर रस्ते पर खड़ा रहने की सिख दी जाती है .जरुरत पढने पर रस्ते पर सोने की इनकी सबसे बड़ी योजना होती है .भिखारिओ की अवाक् का २५ % आमदनी उन्हें मिलती है जबकि ७५ % उनके बास को मिलती है .तेव्हारो में इनकी आमदनी बढ़ जाती है और भिखारी पैसा चुरा ना ले इसलिए इनके बास इनके अंडर वेयर तक तलाशते है .जबकि पाकेट मरने में पकडे जाते है तो इन्हें चेहरे पर ब्लेड मारकर घायल करने के लिए कहा जाता है ताकि पुलिस इन्हें ना पकडे .

Thursday, October 14, 2010

फिल्म की दीवानगी ने ले ली  एक की  जान ..................पवन ओझा मुंबई





 मुंबई के गोवंडी इलाके में एक २२ साल के युवक की फिल्म की दीवानगी की वजह से रात के वक्त ट्रेन के चपेट में आ कर जान चली गई   .

नवी मुंबई के मेडिसिन कंपनी में काम करने वाले निलेश मुंबई के गोवंडी इलाके में रह था. फिल्मो से इस कदर प्रेरित था की उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा . लेकिन इसमें खास बात यह की इस युवक को आमिरखान का बहुत ही बड़ा फेन था . निलेश जगताप नाम के इस युवक पर आमिरखान की गुलाम नाम की फिल्म का इतना गहरा असर था की वह आमिरखान की तरह स्टंट करता था . जिस तरीके से आमिर खान अपने हाथ में   लेकर  झंडा  लेकर ट्रेन के आगे दौड़कर जाता था उसी तरीके  से निलेश को भी उसके  दोस्तों  के अनुसार जानलेवा स्टंट करने का शौकीन था .निलेश के घरवाले इस सदमे को बर्दाश नहीं कर पा रहे है उसके दोस्त भी काफी शोक में दुबे हुए है, बार बार होते एक्सिडेंट की वजह से रलवे पुलिस भी काफी हैरान है . फिलहाल पुलिस स्टंट की बात को नजर अंदाज कर रही है लेकिन इस हादसे से हर कोई वाकिफ है .उन्होंने इस बात को लेकर लोगो को यह आव्हान किया है की रलवे पटरी पर चलाना जानलेवा साबित हो सकता है और उसी वजह से रलवे के साथ कोई भी खिलवार न करने की चेतावनी भी दी है .फिल्मो से प्रेरित होकर जिस तरीके से युवक अपनी जान को जोखिम में डाल रहे है , एइसा लगता है की फिल्मो के स्टंट देखकर उन्हें आम इन्सान दोहराना एक तरह से खुदखुसी करने के बराबर है, इस युवक मौत से बाकि युवक क्या सबक  लेते है यह देखने वाली बात होगी ..

Wednesday, October 6, 2010

बिग बास के ऑफिस में नारा लगाने वाले ६ मनसे और प्रदर्शन करने वाले २४ शिव सेना कार्यकर्ताओ को पुलिस ने गिरफ्तार किया ......

बिग बास के ऑफिस में नारा लगाने वाले ६ मनसे और प्रदर्शन करने वाले २४ शिव सेना कार्यकर्ताओ  को पुलिस ने गिरफ्तार किया ..............पवन ओझा मुंबई
मुंबई पुलिस के अँधेरी पुलिस थाने ने कालर टीवी चैनल के ऑफिस में नारेबाजी करने के मामले में आज ६ मनसे कार्यकर्ताओ को गिरफ्तार किया है .६ मनसे कार्यकर्ताओ ने पाकिस्तानी कलाकार जो बिग बास ४ में भाग लेने आये थे उनके खिलाफ नारेबाजी की थी .बता दे की इसे पहले भी कल शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने बिग बास नहीं चलने देने की बात कही थी और कल लोनावाला के बिग बास के ऑफिस के सामने शिव सेना द्वारा प्रदर्शन भी किया गया था .उनका विरोध था की पाकिस्तानी कलाकारों के साथ साथ आतंकवादी अजमल कसाब के वकील रहे अब्बास काझमी को को भी इस करिक्रम से निकल बाहर किया जाये नहीं तो हम ए शो नहीं चलने देगे .कल प्रदर्शन के दौरान लोनावाला से पुलिस ने २४ शिव सैनिको को गिरफ्तार किया जिसकी अगुवाई मचिन्द्र खराडे शिव सेना नेता कर रहे थे यह जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक प्रताप दिघव्कर ने दी उन्होंने यह भी कहा की हम कोई भी अनुचित घटना नहीं होने देगे .

Saturday, October 2, 2010

बंदोबस्त के तनाव के चलते प्रतिदिन ४-५ पुलिस कर्मी हस्पताल में हो रहे है भर्ती ..........

बंदोबस्त के तनाव के चलते  प्रतिदिन ४-५ पुलिस कर्मी हस्पताल में हो रहे है भर्ती ......................पवन ओझा मुंबई
अयोध्या मुदा हो या फिर रमजान का महिना हो गणेश उत्सव हो या फिर गोविंदा प्रतिदिन ४से ५ पुलिस कर्मी अपनी बिमारिओ और तनाव के चलते अस्पताल में भर्ती हो रही है ,इसे पहले भी करीब २५०० पोलके कर्मी डेंगू और मलेरिया के चपेट में आये. और बाद में उन्हें   मुंबई के  सरकारी और पुलिस अस्पताल में भर्ती थे इसके बाद फ़िलहाल मुंबई में  चिकन गुनिया नाम की बीमारी के चपेट में मुंबई वासी पड़े है .अधिकतर मुंबई के पुलिस कर्मी तनाव के माहोल में काम कर रहे और आराम करने के लिए छुट्टी भी नहीं मिल पारही रही है .जिसके चलते उनका हल बेहाल है और ६  पुलिस कर्मिओ की अधिक तबियत ख़राब होने के चलते उन्हें मुंबई के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है ,भर्ती कराये गए अधिकतर पुलिस कर्मिओ को मधुमेह जैसी भिमरियो की शिकायत है और कुछ पुलिस कर्मिओ को रक्त चाप और मलेरिया जैसी बिमारिओ की शिकायत बताई गई है .ह्रदय रोग के चलते कल एक पुलिस उपनिरीक्षक भास्कर रामचंद्र मोरे-५३ की बंदोबस्त के दौरान मौत हो गयी है ,जबकि येल्लो गेट पुलिस ठाणे के मंगेश राणे, एन एम जोशी मार्ग पुलिस ठाणे के जीतेन्द्र तन्देल , पार्क साइड पुलिस ठाणे के मधु कोण ,पंतनगर पुलिस ठाणे के तोम्ब्रे और गुरव जैसे पुलिस कर्मी अभी भी अस्पताल में भर्ती है इन सभी की तबियत बंदोबस्त के दौरान ख़राब हुई है .इसे पहले भी ६ महीनो के भीतर करीब ५से ६ पुलिस अधिकारिओ और पुलिस कर्मिओ की बीमारी के चलते ओन ड्यूटी मौत हुई है .जो भी पुलिस कर्मी बीमारी के चलते छुट्टी पर गए हुए थे उन्हें राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर इलाहबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ खंड पीट के के आनेवाले फैसले के दौरान बुला लिया गया था .आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ सकती है .

इंजिनियर छात्र ने बनाया बम डीफ्यूज करने वाला रोबोट .............

इंजिनियर छात्र ने बनाया बम डीफ्यूज करने वाला रोबोट .................पवन ओझा मुंबई              .कल्पना और इछाशक्ति हो तो इंसान क्या नही कर सकता | ठाणे में   एक इंजीनिरिंग के छात्र ने बम डीफयूज करने के लिये  मायक्रोलेवल का रोबोट बनाकर यह काम को  सिद्ध कर दिया है | डोम्बिवली के पाटकर विद्यालय  में कंप्यूटर इंजिनियर का शिक्षा ग्रहण करने वाला करण चाफेकर इलेक्ट्रोनिक  इंजीनिरिंग का छात्र है , उसने मात्र ३ हजार रूपये खर्च कर अपनी लगन से  रोबोटिक्स बनाया है  | इलेक्ट्रोनिक  इंजीनिरिंग के अंतिम वर्ष का प्रोजेक्ट उसने दुसरे वर्ष में पूरा किया है यह रोबोट यु एस ब़ी पर चलता है पॉवर के लिये उसे कम्पूटर  से जोड़ा गया है | कोड बदलने से कम्पुटर बंद करने पर भी वह चलता है इसके लिये ए आर डि यु रिवालुशंरी बोर्ड का उपयोग किया है | इसके निर्माण के लिये माउन्ट बोल्ड सरवर  मोटर का उपयोग भी किया गया है, जिससे रोबोट उपयोग करते समय हर बार उसे मोटर कंट्रोल नही करना पड़ता है , सीधा  दिशा बताना पड़ता  है | लेकिन यह मेथड कठिन होने के बावजूद करण चाफेकर ने असान तरीके से रोबोट तैयार  किया है | ओपन सोर्स का उपयोग करने से परिकल्पना आसन होने की बात करण ने कही है | उसने कहा है , की मैंने इस तकनीकी ज्ञान की जानकारी खुली रखी है जिससे लोगो के पास पहुचने से अन्य विध्यार्धी इस में नए नए शोध करने की कोशिश करे और इस रोबोटिक्स का इस्तमाल बम डीफयूज  करने  के लिये हो सकता है | क्यू की विदोशो में रोबोटिक्स का उपयोग बोम्ब डिफुज के लिये बड़े पैमाने किया जाता है | करण ने कहा की  १६ घंटे की मेहनत करने के बाद  आज इस  मुकाम पर पहुंचा हु |  नए शोध की लगन  के चलते रोबोट बनाने में सफलता मिली है | अब इस तकनीकी ज्ञान को दुसरो तक पहुँचाने के लिये मै तैयार हु, ऐसा करण का कहना है  और करण के पिता भी करण के इस कारनामे से खुश है, और करण को  आगे भी मदत करने की हिम्मत  दी है |

रेगिंग पर अंकूश लगाने के लिए मुंबई के अधिकतर कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे

पवन ओझा
मुंबई, मुंबई के अधिकतर कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिससे रैगिंग पर अंकूश लगाया जा सके. यह बात इस संवाददाता चर्चा के दौरान राम निरंजन झुनझुनवाला कॉलेज की प्राचार्या उषा मुकुनदन ने कही हैं.
उन्होंने बताया कि मुंबई के सभी कॉलेजों को मुंबई विद्यापीठ की ओर से एक सर्कूलर भेजा गया है. जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि मुंबई के सभी कॉलेजों में होनेवाली रैगिंग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए और हर एक कॉलेज में इस रेगिंग को रोकने के लिए एक समिति का गठन किया जाए. इसके बाद सभी कॉलेजों ने रैगिंग को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं.
श्रीमती मुकुनदन ने बताया कि हमने अपने कॉलेज में 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए है. जिसमें कॉलेज की हर एक मंजिला पर लायब्रेरी, कंप्यूटर लैब, आईटी लैब में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और इसी के साथ-साथ कंप्यूटर लैब में हमने इंटरनेट जामर भी लगाया है. ताकि कोई भी छात्र कोई गलत साईट न देख सके. उसी प्रकार कॉलेज में एेंटी रैगिंग स्कॉड व एंटी रैगिंग कमिटी का भी गठन किया गया है. प्राचार्या उषा मुकंनदन ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे के चलते कॉलेजों में पहले चोरियां भी होती थी. लेकिन अभी उस पर रोकथाम लगी है. हमने एक लाख रुपए खर्च करके 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. रैगिंग को रोकने के लिए हमने बिल्डिंग की हर एक मंजिले पर एक-एक पियून को तैनात किया है. हर क्लास में एक क्लास टीचर इंचार्ज रखा है और इसके बाद भी यदि कोई छात्र रैगिंग करता हुआ पकड़ा गया तो हम उसका एडमिशन र  करने का निर्णय लिया है और हमने सीसीटीवी कैमरे का लिंक इंटरनेट से जोड़ रखआ है ताकि घर में बैठकर भी हम कॉलेज के परिसर में नजर रख सके.हमने अपने ट्रस्ट से कॉलेज के मेन गेट पर भी कैमरा लगाने का प्रस्ताव रखा है ताकि कॉलेज के बाहर भी कॉलेज के छात्र क्या कर रहे हैं. उसका पता लग सके.

हसन मेहँदी हमला मामला , २ पुलिस कर्मी निलंबित ...............

हसन मेहँदी हमला मामला , २ पुलिस कर्मी निलंबित .....................पवन ओझा मुंबई
हालही में २५ सितम्बर को अर्थर रोड जेल में अबू सलेम के नजदीकी गुर्गे मोहम्मद मेहँदी हसन  पर हमला किया गया था यह हमला तब हुआ जब वो अस्पताल में उपचार हेतु जा रहा था . इसे २ महीने पहले ही अर्थर रोड जेल में अबू सलेम पर मुस्तफा डोसा द्वारा हमला किया गया था .मेहँदी हसन पर १९९५ में बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या करने का आरोप है .पांडव पुत्र गँग के दो लोगो द्वारा हसन मेहँदी पर हमला किया किया गया था हमले के बाद हसन मेहँदी के आँख और हाथो पर छोटे आई थी जिसके बाद उसे मुंबई के जे जे अस्पताल में भर्ती किया गया था .एन .एम जोशी मार्ग पुलिस थाने ने पांडव पुत्र गँग के दो लोगो पर मारामारी का केस दर्ज किया था .इस मामले के बाद मेहँदी हसन को अर्थर रोड जेल से तलोजा की जेल में शिफ्ट किया गया .इसके बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी राजनेतिक पार्टियो के आमदार द्वारा अर्थर रोड जेल में सुरक्षा को लेकर विधान सभा में सवाल भी उठाया गया था .और मत्रिमंडल के एक दस्ते ने जेल का मोईना भी किया था कल .और गृहमंत्री आर .आर .पाटिल द्वारा इस मामले पर जाच भी बिठाई गई थी जिस जाच में जेल के सुरक्षा कर्मिओ की लापरवाही की बात सामने आई और जिसके चलते हसन मेहँदी हमले के मामले में दो पुलिस कर्मिओ को निलंबित गृहमंत्री आर .आर .पाटिल द्वारा किया गया है जिसमे देवानंद सार्वदे और नामदेव चरासकर को गृह मंत्रालय ने निलंबित किया है उनपर ड्यूटी के समय लापरवाही का आरोप लगाया गया है .

Friday, October 1, 2010

श्राद्ध करने के बाद मरा हुआ पति हुआ प्रकट , ढोंगी बाबा की पिटाई .......................पवन ओझा मुंबई

श्राद्ध करने के बाद मरा हुआ पति हुआ प्रकट , ढोंगी बाबा की पिटाई .......................पवन ओझा मुंबई
लगातार ४ महीने से लापता हुए पति को खोजने के बाद परेशान पत्नी ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी पर जब उसके पति को खोजने में पुलिस भी नाकाम हुई तो आख़िरकार पत्नी ने झाड़ - फूंक करने वाले एक भक्त बाबा की शरण ली .भक्त बाबा ने सब कुछ सुनते ही कहा की तू तो पागल है आरे तेरा पति तो कब का मार चूका है .वह वापस कहा से आएगा अब तो उसकी मुक्ति के लिए तुझे श्राद्ध करना पड़ेगा .महिला ने आँख मूंदकर भगत बाबा की बताओ को मान लिया और २४ सितम्बर को अपने माथे पर लगे कुमकुम को पोछते हुए हिन्दू धर्म की रीती यो के अनुसार पुरे विधि विधान से अपने पति का श्राद्ध कर्म पूरा किया .पर श्राद्ध कर्म पूरा करने के दो दिन बाद ही मनो चमत्कार ही हो गया हो .भगत बाबा के के दावे को झुट्लाते हुए महिला का पति सही सलामत घर आगया .महिला को जितनी ख़ुशी उसके पति के घर आने की हुई उसे कई गुना गुस्सा उस ढोंगी बाबा पर आया .मिली जानकारी के अनुसार यह घटना थाने जिले के मुरबाड तालुके के साखेर धार गाँव की है .इस गाँव का निवासी अनंता महादु पवार कल्याण में नाका मजदुर का काम करता है .वहा उसे चौकीदारी की नौकरी मिल गई और उसे कही और जाकर नौकरी करनी पड़ गई . इस नौकरी के चलते छुट्टी ना मिलने से   ना तो वो अपने घर में किसी को बता पाया नहीं संपर्क कर पाया . और उधर गाँव में उसकी पत्नी बुरी तरह से परेशान हो गई और भगत बाबा की बातो में आकर उसने उसका श्राद्ध भी करवा डाला .चार महीने के बाद छुटी लेकर जब वो अपने गाँव पंहुचा तो गाँव के लोग उसे जिन्दा देखकर हैरान हो गए और उसका हालचाल पूछने लगे .अनंता जब अपने घर में गया तो उसने देखा की उसकी पत्नी के मांग में सिंदूर नहीं है और उसके तीनो लड़के ने मुंडन करवा लिया है और उसकी तस्वीर पर फूलो की माला लटकी हुई थी .यह सब देखकर वो खुद परेशान हो गया .अपने पति को अपने सामने देखकर पत्नी खूब रोई और उसने अपने मांग में सिंदूर भरा .थोड़ी ही देर बाद गाँव वालो को ढोंगी  भगत बाबा रमेश मांगले की याद आई .वे मोर्बड़ शहर  गए और ढोंगी बाबा को गाँव में लेकर आये और गाँव में उसकी जमकर पिटाई की